नक़्श फ़रयादी है किसकी शोख़ी-ए-तहरीर का
काग़ज़ी हे पैरहन, हर पेकर-ए-तसविर का
नक़्श=सूरत, तस्वीर फ़रयादी=फरियाद करने वाला शोख़ई तहरीर =बेदाद-ए-तहरीर, लिखने में नाइंसाफ़ी काग़ज़ी पैरहन=ईरान में दस्तूर था कि इन्साफ़ मांगने वाला काग़ज़ का जामा पहन कर बादशाह के सामने जाते थे पेकर=जिस्म
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