Sunday, 1 January 2012

Ghalib-3

नक़्श फ़रयादी है किसकी शोख़ी-ए-तहरीर का
काग़ज़ी हे पैरहन, हर पेकर-ए-तसविर का




नक़्श=सूरत, तस्वीर फ़रयादी=फरियाद करने वाला शोख़ई तहरीर =बेदाद-ए-तहरीर, लिखने में नाइंसाफ़ी काग़ज़ी पैरहन=ईरान में दस्तूर था कि इन्साफ़ मांगने वाला काग़ज़ का जामा पहन कर बादशाह के सामने जाते थे पेकर=जिस्म

No comments:

Post a Comment